Sanchar Now। नोएडा में कल दलित प्रेरणा स्थल पर अपनी मांगों को लेकर आंदोलन रहे किसानों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। दलित प्रेरणा स्थल से पुलिस ने भारी संख्या में किसानों को जबरन बसों में बैठाया। जिसके बाद बुजुर्ग व महिलाओं को उनके घर भेज दिया जबकि 123 किसानों को पुलिस ने लुकसर जेल भेज दिया था। किसानों को जेल भेजने के विरोध में यमुना एक्सप्रेसवे के जीरो पॉइंट पर आज सुबह से महापंचायत की गई। महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत के पहुंचने की संभावना जताई जा रही थी लेकिन राकेश टिकैत महापंचायत में नहीं पहुंचे। लेकिन जेल में बंद सभी 123 किसानों को पुलिस ने रिहा कर दिया। इसके बाद सभी किसान धरना स्थल पर पहुंचे और संयुक्त किसान मोर्चे के तहत चल रहे आंदोलन में कल बैठक करने का निर्णय लिया गया है। बैठक के बाद ही आगे के आंदोलन को लेकर रणनीति बनाई जाएगी और निर्णय लिया जाएगा। इस दौरान धरना स्थल पर किसानों से वार्ता के दौरान पुलिस व प्राधिकरण के अधिकारी भी मौजूद रहे।
दरअसल, गौतम बुध नगर में किसान संयुक्त किसान मोर्चा के तहत सभी किसान संगठन अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। किसानों का यह आंदोलन 25 नवंबर से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर शुरू हुआ। जहां से यह आंदोलन महापड़ाव में बदल गया और फिर किसान तीन दिन ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर आंदोलन करने के बाद 28 नवंबर को यमुना प्राधिकरण पहुंचे। जहां से किसानों ने अपने तय कार्यक्रम के तहत 2 दिसंबर को दिल्ली कूच कर दिया। सभी किसानों को नोएडा के दलित प्रेरणा स्थल पर पुलिस ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के चलते वहीं पर रोक दिया। जिसके बाद पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों ने किसानों को एक सप्ताह में मुख्य सचिव से वार्ता कर उनकी मांगों का निस्तारण करने का आश्वासन दिया। जिसके बाद सभी किसानो ने दलित प्रेरणा स्थल पर ही आंदोलन कर चलते धरना शुरू कर दिया। लेकिन 3 दिसंबर को दोपहर में दलित प्रेरणा स्थल पर शांतिपूर्वक धरना दे रहे किसानों को पुलिस ने जबरन बसों में भरकर हिरासत में ले लिया। इसके बाद बुजुर्ग व महिलाओं को उनके घर छोड़ दिया गया जबकि 123 किसानों को लुकसर जेल भेज दिया गया।
किसान नेता सुनील फौजी ने बताया कि पुराने कानून के तहत जमीन लिए जाने से प्रभावित सभी किसानों को एक समान नीति के तहत 10% प्लॉट और बढ़ा हुआ 64.7 मुआवजे की किसान मांग कर रहे हैं। इसके साथ ही सभी किसान संगठनों के द्वारा किये जा रहे इस आंदोलन किसान एक जनवरी 2014 के बाद जमीन लिए जाने से प्रभावित सभी किसानों को बाजार दर का चार गुना मुआवजा, 20% प्लॉट और सभी भूमिधर और भूमिहीन किसानों को रोजगार व पुनर्वास के अलावा आबादियों का विस्थापन किए जाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं।
महापंचायत में जेल से रिहा होकर पहुंचे किसानों ने निर्णय लिया है कि कल संयुक्त किसान मोर्चे की एक बैठक आयोजित की जाएगी। इस बैठक में सभी संगठनों के से किसान नेता शामिल होंगे। इसके बाद आगे की आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी। इसके बाद ही यह तय हो पाएगा कि आगे का आंदोलन यमुना एक्सप्रेसवे के जीरो पॉइंट पर चलेगा या यह आंदोलन नोएडा के दलित प्रेरणा स्थल पर किया जाएगा।