Saturday, March 29, 2025
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प्रदर्शनकारी किसानों पर दागे गए आंसू गैस के गोले

किसान नेताओं के ‘दिल्ली चलो’ मार्च के दौरान शुक्रवार को ग्रेटर नोएडा में कई किसान नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया। इस दौरान किसान नेता रूपेश वर्मा और विकास प्रधान को गिरफ्तार किया गया। इनमें से रुपेश वर्मा ने वीडियो जारी कर दिल्ली कूच का ऐलान किया था और उनके नेतृत्व में बड़ा आंदोलन भी चल रहा था। उधर प्रशासन के भारी सुरक्षा बंदोबस्त के बाद किसान नेताओं ने शुक्रवार के लिए ‘दिल्ली चलो’ मार्च स्थगित करने की घोषणा कर दी।

उधर किसानों के अभियान को देखते हुए ग्रेटर नोएडा में चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात रही और ग्रेटर नोएडा को छावनी में तब्दील कर दिया गया था। इस दौरान CRPF, PAC और भारी पुलिस फोर्स जगह-जगह पर तैनात रही।

इससे पहले 101 किसानों के एक जत्थे ने शुक्रवार को शंभू बॉर्डर पर अपने विरोध स्थल से दिल्ली के लिए पैदल मार्च शुरू किया, लेकिन उन्हें कुछ मीटर की दूरी पर बहुस्तरीय बैरिकेडिंग द्वारा रोक दिया गया। जब कुछ किसान शंभू बॉर्डर के हरियाणा की ओर लगाए गए बैरिकेड्स के पास पहुंचे तो सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें खदेड़ने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया।

शंभू बार्डर विरोध स्थल से दिल्ली की ओर पैदल मार्च शुरू करने वाले किसानों के जत्थे को वापस जाने के लिए मजबूर करने को लेकर कई राउंड आंसू गैस के गोले दागे गए। जिसके बाद किसान नेताओं ने आज के लिए ‘दिल्ली चलो’ मार्च स्थगित कर दिया।

प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि कुछ किसानों को चोटें आईं और उन्हें एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया गया। हरियाणा पुलिस के अधिकारी भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत लागू निषेधाज्ञा का हवाला देते हुए प्रदर्शनकारी किसानों से आगे न बढ़ने को कहते दिखे।

इससे पहले पुलिस का विरोध करते हुए कुछ किसान सड़क से लोहे की कीलें और कंटीले तार उखाड़ते नजर आए और उन्होंने धुएं से बचने के लिए गीले जूट के बोरे से अपने चेहरे ढंके हुए थे। किसानों ने दावा किया कि हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों के एक समूह पर आंसू गैस के गोले दागे जो शांतिपूर्वक आगे बढ़ना चाहते थे। विभिन्न किसान यूनियन के झंडे थामे कुछ किसानों ने घग्गर नदी पर बनाए गए पुल पर सुरक्षाकर्मियों द्वारा लगाई गई लोहे की जाली को नीचे धकेल दिया।

उधर पंजाब के किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि सुरक्षाकर्मियों द्वारा दागे गए आंसूगैस के गोले के कारण कुछ किसानों के घायल होने के बाद प्रदर्शनकारियों ने शुक्रवार को दिल्ली की ओर अपना पैदल मार्च स्थगित कर दिया। पंधेर ने कहा, ‘कुछ किसानों के घायल होने के मद्देनजर हमने आज के लिए जत्था वापस बुला लिया है।’ किसान नेता ने दावा किया कि हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों द्वारा आंसू गैस के गोले दागे जाने के कारण पांच से छह प्रदर्शनकारी किसान घायल हो गए। उन्होंने कहा कि किसान संगठनों के दो मंच संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा, एक बैठक के बाद अगले कदम के बारे में फैसला करेंगे।

किसानों ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी समेत अपनी विभिन्न मांगों को लेकर इससे पहले 13 फरवरी और 21 फरवरी को राष्ट्रीय राजधानी की ओर मार्च करने का प्रयास किया था, लेकिन उन्हें सुरक्षा बलों ने पंजाब-हरियाणा सीमाओं पर शंभू और खनौरी में रोक दिया था।

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान तब से शंभू और खनौरी सीमा बिंदुओं पर डेरा डाले हुए हैं। अंबाला जिला प्रशासन ने बुधवार को किसानों से मार्च पर पुनर्विचार करने और दिल्ली पुलिस से अनुमति लेने के बाद ही कोई कार्रवाई करने का आग्रह किया था लेकिन दिल्ली पुलिस ने कहा कि उसे पंजाब के किसानों से दिल्ली मार्च करने का कोई अनुरोध नहीं मिला है।

अंबाला जिला प्रशासन ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत एक आदेश जारी किया है। इस धारा के तहत जिले में पांच या अधिक व्यक्तियों की किसी भी गैरकानूनी सभा पर रोक है। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने सोमवार को कहा था कि किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने अंबाला के पुलिस अधीक्षक से मुलाकात की और उन्हें छह दिसंबर को दिल्ली तक पैदल मार्च करने के बारे में जानकारी दी।

पंधेर ने कहा था कि प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस को आश्वासन दिया है कि मार्च शांतिपूर्ण रहेगा और मार्ग पर यातायात अवरुद्ध नहीं किया जाएगा। किसान एमएसपी के अलावा कर्ज माफी, किसानों एवं खेत मजदूरों के लिए पेंशन और बिजली दरों में बढ़ोतरी न करने की मांग कर रहे हैं।

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