Greater noida – Punjab Shahar https://punjabshehar.live Sun, 15 Dec 2024 14:44:36 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.2 22 दिसंबर तक किसानों को जेल से रिहा करे प्रशासन नही तो होगा बड़ा आंदोलन https://punjabshehar.live/2024/12/15/the-administration-should-release-the-farmers-from-jail-by-22-december-otherwise-there-will-be-a-big-protest/ https://punjabshehar.live/2024/12/15/the-administration-should-release-the-farmers-from-jail-by-22-december-otherwise-there-will-be-a-big-protest/#respond Sun, 15 Dec 2024 14:44:36 +0000 https://sancharnow.com/?p=24489

Sanchar Now। नोएडा में अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चे के किसान नेताओं सहित किसानों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल में बंद कर दिया है। किसानों की रिहाई के लिए संयुक्त किसान मोर्चा लगातार प्रयास कर रहा है। लेकिन अभी भी 122 किसान जिला कारागार लक्सर में बंद है। संयुक्त किसान मोर्चे के किसानों ने रविवार को मुजफ्फरनगर के सिसौली में भारतीय किसान यूनियन के साथ बैठक की। जिसमें 22 दिसंबर तक प्रशासन को जेल में बंद किसान नेताओं को रिहा करने का समय दिया गया है। उसके बाद 23 दिसंबर को सिसौली में महापंचायत की जाएगी और फिर गौतम बुद्ध नगर के आंदोलन को लेकर बड़ा निर्णय लिया जाएगा।

दरअसल, गौतम बुध नगर के किसान अपनी 10% आवासीय भूखंड, 64.7% बढ़ा हुआ मुआवजा और नए भूमि अधिग्रहण कानून को लागू करने की मांग के चलते आंदोलन कर रहे है। किसानों का यह आंदोलन पहले ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण फिर यमुना प्राधिकरण पर रहा। जिसके बाद 2 दिसंबर को दिल्ली कूच के लिए किसान नोएडा के दलित प्रेरणा स्थल पर पहुंचे जहां पर पुलिस व प्रशासन ने किसानों को दिल्ली जाने से रोक दिया और एक सप्ताह में उनकी मांगों को लेकर मुख्य सचिव से वार्ता करने का आश्वासन दिया। जिसके बाद किसानों ने दलित प्रेरणा स्थल पर ही अपना धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। 3 दिसंबर को पुलिस ने जबरन भारी संख्या में किसानों को वहां से उठाकर जेल भेज दिया। जिसके बाद 4 दिसंबर को ग्रेटर नोएडा के यमुना एक्सप्रेसवे के जीरो पॉइंट पर किसानों ने महापंचायत का ऐलान किया। महापंचायत में भारी संख्या में किसान इकट्ठे हुए। इसके बाद पुलिस प्रशासन ने जेल में बंद किसानों को रिहा कर दिया लेकिन उसी दिन रात को धरना स्थल से दोबारा किसानों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। जिसके बाद किसानों ने लगातार गिरफ्तारियां दी और भारी संख्या में पुलिस प्रशासन ने किसानों को गिरफ्तार किया। जिसके बाद महिलाओं व कुछ किसानों को पुलिस ने छोड़ दिया जबकि वर्तमान में 122 किसान जेल में बंद है।

भारतीय किसान यूनियन टिकैत के मीडिया प्रभारी सुनील प्रधान ने बताया कि रविवार को मुजफ्फरनगर के सिसौली में गौतम बुद्ध नगर के किसानों ने भारतीय किसान यूनियन के साथ बैठक की। इस बैठक में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत वह प्रवक्ता राकेश टिकट सहित गौतम बुद्ध नगर के 300 किसान शामिल हुए बैठक में निर्णय लिया गया कि लोग कर जेल में बंद किसानों प्रशासन 22 दिसंबर तक रिहा कर दे और किसानों के मुद्दे को लेकर उचित पटल पर किसानों से वार्ता शुरू की जाए अन्यथा 23 दिसंबर को सिसौली में होने वाली महापंचायत में गौतम बुद्ध नगर के आंदोलन को लेकर बड़ा ऐलान किया जाएगा जिसकी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।

जिला कारागार लुक्सर के जेलर संजय शाही ने बताया कि वर्तमान में 122 किसान लुकसर जेल में बंद है। इन किसानों पर कानून व्यवस्था को प्रभावित करने सहित अन्य मामले दर्ज हैं। सभी किसानों को सामान्य बैरक में रखा गया है और सभी किसान समय से भजन कर रहे है व अन्य सुविधाएं दी जा रही है। किसानों के परिवारों की भी किसानों से मिलाई कराई गई है।

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सभी किसान जेल रिहा, कल संयुक्त किसान मोर्चे की बैठक के बाद तय होगी आगे आंदोलन की रणनीति https://punjabshehar.live/2024/12/04/all-farmers-released-from-jail-further-strategy-of-agitation-will-be-decided-after-the-meeting-of-samyukta-kisan-morcha-tomorrow/ https://punjabshehar.live/2024/12/04/all-farmers-released-from-jail-further-strategy-of-agitation-will-be-decided-after-the-meeting-of-samyukta-kisan-morcha-tomorrow/#respond Wed, 04 Dec 2024 13:25:29 +0000 https://sancharnow.com/?p=24035

Sanchar Now। नोएडा में कल दलित प्रेरणा स्थल पर अपनी मांगों को लेकर आंदोलन रहे किसानों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। दलित प्रेरणा स्थल से पुलिस ने भारी संख्या में किसानों को जबरन बसों में बैठाया। जिसके बाद बुजुर्ग व महिलाओं को उनके घर भेज दिया जबकि 123 किसानों को पुलिस ने लुकसर जेल भेज दिया था। किसानों को जेल भेजने के विरोध में यमुना एक्सप्रेसवे के जीरो पॉइंट पर आज सुबह से महापंचायत की गई। महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत के पहुंचने की संभावना जताई जा रही थी लेकिन राकेश टिकैत महापंचायत में नहीं पहुंचे। लेकिन जेल में बंद सभी 123 किसानों को पुलिस ने रिहा कर दिया। इसके बाद सभी किसान धरना स्थल पर पहुंचे और संयुक्त किसान मोर्चे के तहत चल रहे आंदोलन में कल बैठक करने का निर्णय लिया गया है। बैठक के बाद ही आगे के आंदोलन को लेकर रणनीति बनाई जाएगी और निर्णय लिया जाएगा। इस दौरान धरना स्थल पर किसानों से वार्ता के दौरान पुलिस व प्राधिकरण के अधिकारी भी मौजूद रहे।

दरअसल, गौतम बुध नगर में किसान संयुक्त किसान मोर्चा के तहत सभी किसान संगठन अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। किसानों का यह आंदोलन 25 नवंबर से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर शुरू हुआ। जहां से यह आंदोलन महापड़ाव में बदल गया और फिर किसान तीन दिन ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर आंदोलन करने के बाद 28 नवंबर को यमुना प्राधिकरण पहुंचे। जहां से किसानों ने अपने तय कार्यक्रम के तहत 2 दिसंबर को दिल्ली कूच कर दिया। सभी किसानों को नोएडा के दलित प्रेरणा स्थल पर पुलिस ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के चलते वहीं पर रोक दिया। जिसके बाद पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों ने किसानों को एक सप्ताह में मुख्य सचिव से वार्ता कर उनकी मांगों का निस्तारण करने का आश्वासन दिया। जिसके बाद सभी किसानो ने दलित प्रेरणा स्थल पर ही आंदोलन कर चलते धरना शुरू कर दिया। लेकिन 3 दिसंबर को दोपहर में दलित प्रेरणा स्थल पर शांतिपूर्वक धरना दे रहे किसानों को पुलिस ने जबरन बसों में भरकर हिरासत में ले लिया। इसके बाद बुजुर्ग व महिलाओं को उनके घर छोड़ दिया गया जबकि 123 किसानों को लुकसर जेल भेज दिया गया।

किसान नेता सुनील फौजी ने बताया कि पुराने कानून के तहत जमीन लिए जाने से प्रभावित सभी किसानों को एक समान नीति के तहत 10% प्लॉट और बढ़ा हुआ 64.7 मुआवजे की किसान मांग कर रहे हैं। इसके साथ ही सभी किसान संगठनों के द्वारा किये जा रहे इस आंदोलन किसान एक जनवरी 2014 के बाद जमीन लिए जाने से प्रभावित सभी किसानों को बाजार दर का चार गुना मुआवजा, 20% प्लॉट और सभी भूमिधर और भूमिहीन किसानों को रोजगार व पुनर्वास के अलावा आबादियों का विस्थापन किए जाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं।

महापंचायत में जेल से रिहा होकर पहुंचे किसानों ने निर्णय लिया है कि कल संयुक्त किसान मोर्चे की एक बैठक आयोजित की जाएगी। इस बैठक में सभी संगठनों के से किसान नेता शामिल होंगे। इसके बाद आगे की आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी। इसके बाद ही यह तय हो पाएगा कि आगे का आंदोलन यमुना एक्सप्रेसवे के जीरो पॉइंट पर चलेगा या यह आंदोलन नोएडा के दलित प्रेरणा स्थल पर किया जाएगा।

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