Kisan Andolan – Punjab Shahar https://punjabshehar.live Mon, 30 Dec 2024 10:11:26 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.2 किसान महापंचायत – फर्जी मुकदमे लिखकर जमीन नही छीन सकते, जेल जाने से न डरे किसान – राकेश टिकैत https://punjabshehar.live/2024/12/30/land-cannot-be-snatched-by-filing-fake-cases-farmers-should-not-be-afraid-of-going-to-jail-rakesh-tikait/ https://punjabshehar.live/2024/12/30/land-cannot-be-snatched-by-filing-fake-cases-farmers-should-not-be-afraid-of-going-to-jail-rakesh-tikait/#respond Mon, 30 Dec 2024 10:11:26 +0000 https://sancharnow.com/?p=25046

Sanchar Now। संयुक्त किसान मोर्चा के आवाहन पर यमुना एक्सप्रेसवे के जीरो पॉइंट पर किसान ने महापंचायत की। इस महा पंचायत में 64.7 अतिरिक्त बढ़ा हुआ मुआवजा, 10% आवासीय भूखंड और नए भूमि अधिग्रहण कानून को लागू करने की मांग किसान कर कर रहे हैं। इस महा पंचायत में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत भी शामिल हुए। मौके पर भारी संख्या में किसान मौजूद है सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार किसानों की मांगों को पूरा करें नही तो पूरे देश में ऐसे ही आंदोलन चलाते रहेंगे।

दरअसल, गौतम बुध नगर के किसान लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। कई बार के आंदोलन के बाद गौतम बुद्ध नगर के किसानों ने संयुक्त किसान मोर्चा बनाया। संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर पर किसानों ने 25 नवंबर को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर मांगो को लेकर महापंचायत बुलाई और धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से यह सभी किसान 28 नवंबर को यमुना प्राधिकरण पहुंचे और फिर वहां पर किसानों ने धरना प्रदर्शन किया। उसके बाद भी जब किसानों की मांगे पूरी नहीं हुई तो किसानों ने दिल्ली कूच का निर्णय लिया। इसके बाद 2 दिसंबर को दिल्ली कूच करते समय किसानों को दलित प्रेरणा स्थल नोएडा पर पुलिस व प्रशासन ने रोक लिया। वहां पर किसानों को आश्वासन दिया कि एक सप्ताह में उनकी मुख्य सचिव से वार्ता कराई जाएगी और मांगों का निस्तारण कराया जाएगा। इसके बाद सभी किसान दलित प्रेरणा स्थल पर ही धरना प्रदर्शन के लिए बैठ गए। लेकिन 3 दिसंबर को पुलिस ने जबरन वहां से किसानों को गिरफ्तार किया और जेल भेज दिया। जिसके बाद 4 दिसंबर को ग्रेटर नोएडा के यमुना एक्सप्रेसवे के जीरो पॉइंट पर किसानों ने महापंचायत का आह्वान किया जिसमें भारी संख्या में किसान पहुंचे। जिसके चलते पुलिस ने जेल में बंद सभी किसानों को रिहा कर दिया लेकिन इस रात पुलिस ने फिर दोबारा से किसानों को गिरफ्तार किया और जेल भेज दिया। इसके बाद किसानों का गिरफ्तारी देने का सिलसिला जारी हुआ और लगभग डेढ़ सौ किसानों को पुलिस ने अलग-अलग जगह से गिरफ्तार कर जेल में भेज दिया। काफी दिनों तक चल किसानों के इस प्रकरण के बाद धीरे-धीरे कर लुकसर जेल से अधिकांश किसानों को रिहा कर दिया गया है लेकिन अभी भी कुछ किसान नेता लुकसर जेल में बंद है।

यमुना एक्सप्रेसवे के जीरो पॉइंट पर हो रही किसानों की महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकट भी शामिल हुए। राकेश टिकैत ने कहा कि तीनों प्राधिकरण किसानों की मांगों को लेकर उनका निस्तारण करें। वही जब सब चीज के रेट बढ़ रहे हैं तो जमीन के सर्किल रेट भी क्यों नहीं बढ़ रहे उनको भी बढ़ाया जाए। सरकार किसानों की मांगों को पूरा करें नहीं तो पूरे देश में किसानों के आंदोलन चलेंगे। हर जगह की अलग-अलग प्राथमिकताएं होती हैं यहां का इशू भूमि अधिग्रहण का है तो दूसरी जगह एसपी गारंटी कानून का है फसलों के दाम का सवाल है।

इसके साथ ही राकेश टिकैत ने कहा कि हर जगह के अलग-अलग इशू को लेकर सरकार प्रशासन उनकी समस्याओं का निस्तारण करें। हर जगह पर अलग-अलग कमेटी बनी हुई है यहां पर गौतम बुद्ध नगर में किसानों की कमेटी बनी हुई है। प्रशासन व प्राधिकरण किसानों से बातचीत करें और उनकी मांगों को पूरा करें।

फर्जी मुकदमे लिखकर जमीन नही छीन सकते

राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों की पहली मांग 10% आवासीय भूखंड की है। इसके साथ ही सर्किल रेट की है जो काफी समय से नहीं बढ़ा है। जेवर क्षेत्र के कुछ जगह का मुख्यमंत्री ने सर्किल रेट बढ़ाया है लेकिन अन्य जगहों का सर्किल रेट अभी नहीं बढ़ाया गया। जिन किसानों ने मुआवजा नहीं उठाया उनका भी एक इशू है। दादरी क्षेत्र में असल बिल्डर वहां पर काम कर रहा है और किसानों ने मुआवजा नहीं उठाया है। अधिकारी डरने का काम ना करें ना तो किसान जेल जाने से डरता है और ना फर्जी मुकदमे लिखकर आप जमीन नहीं छीन सकते। पिछले डेढ़ महीने से किसानों को जिस प्रकार तंग किया जा रहा है उसका जवाब अधिकारी यहां पर आकर दें।

जेल की भी ट्रेनिंग ले किसान, नही कमजोर होंगे आंदोलन

महापंचायत में पहुंचे राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों को भी जेल से नहीं डरना चाहिए और ना ही किसानों को बेल लेनी चाहिए। अगर जेल जाने से किसान डरेगा तो आंदोलन कमजोर हो जाएंगे। फिर से अगर प्रशासन डरने का काम करें तो उसे डरने की जरूरत नहीं है। इसके साथ उन्होंने कहा कि एमएसपी कानून देश का बड़ा इशू है और वही स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट भी बड़ा ईशु है।

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किसान आंदोलन में जेल में बंद 86 किसानों को मिली जमानत, जल्द होंगे रिहाई https://punjabshehar.live/2024/12/16/86-farmers-jailed-in-the-kisan-andolan-got-bail-will-be-released-soon/ https://punjabshehar.live/2024/12/16/86-farmers-jailed-in-the-kisan-andolan-got-bail-will-be-released-soon/#respond Mon, 16 Dec 2024 15:31:10 +0000 https://sancharnow.com/?p=24536

Sanchar Now। ग्रेटर नोएडा में किसान आंदोलन के चलते जेल में बंद 122 किसानों में से 86 किसानों को जिला न्यायालय से जमानत मिल गई है। जिसके चलते अब उनकी जल्द ही रिहाई हो जाएगी। 4 नवंबर से यह किसान जेल में बंद है किसानों की रिहाई को लेकर भारतीय किसान यूनियन की मुजफ्फरनगर के सिसौली में कल एक महापंचायत हुई थी। जिसमें राकेश टिकैत नर 22 दिसंबर तक किसानों को जेल से रिहा करने का अल्टीमेट दिया गया था। उसके बाद किसानों की रिहाई ने होने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी गई थी। इसके साथ ही कई विपक्षी राजनीतिक दलों ने किसानों की रिहाई के जिलाधिकारी वार्ता की । इसके साथ ही बार एसोसिएशन ने जेल में बंद किसानों से मुलाकात कर जल्द ही उनकी जमानत का आश्वासन दिया था।

दरअसल, गौतम बुध नगर में नोएडा प्राधिकरण, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और यमुना प्राधिकरण से प्रभावित किसान अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। किसानों के द्वारा 10% आवासीय भूखंड, 64.7 % बढ़ा हुआ मुआवजा और नए भूमि अधिग्रहण कानून को लागू करने की मांग की जा रही है। बीते दिनों 3 दिसंबर को नोएडा के दलित प्रेरणा स्थल पर धरना प्रदर्शन कर रहे किसानों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इसके बाद 4 दिसंबर को यमुना एक्सप्रेसवे के जीरो पॉइंट पर किसानों ने महापंचायत बुलाई और जेल में बंद किसानों को रिहाई की मांग की। जिसके बाद पुलिस प्रशासन ने जेल में बंद किसानों को रिहा कर दिया। जेल से रिहाई के बाद किसान धरना स्थल पर जीरो पॉइंट पहुंचे और किसानों ने आगे भी लगातार आंदोलन करने का निर्णय लिया। इसके बाद 4 दिसंबर की रात को धरना स्थल से पुलिस ने किसानों को गिरफ्तार कर दोबारा जेल भेज दिया। इससे उग्र हुए किसानों ने जेल भेजे गए किसानों के पक्ष में गिरफ्तार दी। इसके बाद भारी संख्या में किसानों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।

दीवानी एवं फौजदारी बार एसोसिएशन गौतम बुद्ध नगर के अध्यक्ष उमेश भाटी ने बताया कि जेल में बंद अधिकांश किसानों को जमानत मिल गई है। उन्होंने बताया कि एक थाने से संबंधित 42 किसानों को और दूसरे थाने से संबंधित 44 किसानो को कोर्ट से जमानत मिल गई है। बैल ऑर्डर यहां से जारी कर दिए गए हैं और जल्द ही इनको रिहा कर दिया जाएगा।

इसके साथ ही उमेश भाटी ने कहा कि बार एसोसिएशन किसानों की लड़ाई पहले भी लड़ती आई है और आगे भविष्य में भी किसानों की लड़ाई लड़ती रहेगी। जरूरत पड़ने पर हम हर तरीके से सभी किसानों के साथ हैं और उनकी वाजिद मांगों को पूरा होने तक हम उनके साथ इस लड़ाई में शामिल रहेंगे। क्योंकि हम भी वकील होने के साथ-साथ किसान भी हैं।

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22 दिसंबर तक किसानों को जेल से रिहा करे प्रशासन नही तो होगा बड़ा आंदोलन https://punjabshehar.live/2024/12/15/the-administration-should-release-the-farmers-from-jail-by-22-december-otherwise-there-will-be-a-big-protest/ https://punjabshehar.live/2024/12/15/the-administration-should-release-the-farmers-from-jail-by-22-december-otherwise-there-will-be-a-big-protest/#respond Sun, 15 Dec 2024 14:44:36 +0000 https://sancharnow.com/?p=24489

Sanchar Now। नोएडा में अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चे के किसान नेताओं सहित किसानों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल में बंद कर दिया है। किसानों की रिहाई के लिए संयुक्त किसान मोर्चा लगातार प्रयास कर रहा है। लेकिन अभी भी 122 किसान जिला कारागार लक्सर में बंद है। संयुक्त किसान मोर्चे के किसानों ने रविवार को मुजफ्फरनगर के सिसौली में भारतीय किसान यूनियन के साथ बैठक की। जिसमें 22 दिसंबर तक प्रशासन को जेल में बंद किसान नेताओं को रिहा करने का समय दिया गया है। उसके बाद 23 दिसंबर को सिसौली में महापंचायत की जाएगी और फिर गौतम बुद्ध नगर के आंदोलन को लेकर बड़ा निर्णय लिया जाएगा।

दरअसल, गौतम बुध नगर के किसान अपनी 10% आवासीय भूखंड, 64.7% बढ़ा हुआ मुआवजा और नए भूमि अधिग्रहण कानून को लागू करने की मांग के चलते आंदोलन कर रहे है। किसानों का यह आंदोलन पहले ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण फिर यमुना प्राधिकरण पर रहा। जिसके बाद 2 दिसंबर को दिल्ली कूच के लिए किसान नोएडा के दलित प्रेरणा स्थल पर पहुंचे जहां पर पुलिस व प्रशासन ने किसानों को दिल्ली जाने से रोक दिया और एक सप्ताह में उनकी मांगों को लेकर मुख्य सचिव से वार्ता करने का आश्वासन दिया। जिसके बाद किसानों ने दलित प्रेरणा स्थल पर ही अपना धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। 3 दिसंबर को पुलिस ने जबरन भारी संख्या में किसानों को वहां से उठाकर जेल भेज दिया। जिसके बाद 4 दिसंबर को ग्रेटर नोएडा के यमुना एक्सप्रेसवे के जीरो पॉइंट पर किसानों ने महापंचायत का ऐलान किया। महापंचायत में भारी संख्या में किसान इकट्ठे हुए। इसके बाद पुलिस प्रशासन ने जेल में बंद किसानों को रिहा कर दिया लेकिन उसी दिन रात को धरना स्थल से दोबारा किसानों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। जिसके बाद किसानों ने लगातार गिरफ्तारियां दी और भारी संख्या में पुलिस प्रशासन ने किसानों को गिरफ्तार किया। जिसके बाद महिलाओं व कुछ किसानों को पुलिस ने छोड़ दिया जबकि वर्तमान में 122 किसान जेल में बंद है।

भारतीय किसान यूनियन टिकैत के मीडिया प्रभारी सुनील प्रधान ने बताया कि रविवार को मुजफ्फरनगर के सिसौली में गौतम बुद्ध नगर के किसानों ने भारतीय किसान यूनियन के साथ बैठक की। इस बैठक में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत वह प्रवक्ता राकेश टिकट सहित गौतम बुद्ध नगर के 300 किसान शामिल हुए बैठक में निर्णय लिया गया कि लोग कर जेल में बंद किसानों प्रशासन 22 दिसंबर तक रिहा कर दे और किसानों के मुद्दे को लेकर उचित पटल पर किसानों से वार्ता शुरू की जाए अन्यथा 23 दिसंबर को सिसौली में होने वाली महापंचायत में गौतम बुद्ध नगर के आंदोलन को लेकर बड़ा ऐलान किया जाएगा जिसकी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।

जिला कारागार लुक्सर के जेलर संजय शाही ने बताया कि वर्तमान में 122 किसान लुकसर जेल में बंद है। इन किसानों पर कानून व्यवस्था को प्रभावित करने सहित अन्य मामले दर्ज हैं। सभी किसानों को सामान्य बैरक में रखा गया है और सभी किसान समय से भजन कर रहे है व अन्य सुविधाएं दी जा रही है। किसानों के परिवारों की भी किसानों से मिलाई कराई गई है।

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विकास में किसानों के योगदान को भुला नही जाएगा, जेल में बंद किसानों को शीघ्र मिलेगा लाभ – धीरेंद्र सिंह https://punjabshehar.live/2024/12/10/the-contribution-of-farmers-in-development-will-not-be-forgotten-farmers-in-jail-will-soon-get-benefits-dhirendra-singh/ https://punjabshehar.live/2024/12/10/the-contribution-of-farmers-in-development-will-not-be-forgotten-farmers-in-jail-will-soon-get-benefits-dhirendra-singh/#respond Tue, 10 Dec 2024 05:43:27 +0000 https://sancharnow.com/?p=24230

Sanchar Now। ग्रेटर नोएडा के जेवर में बनने वाले नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर कल विमान का ट्रायल किया गया और जल्द ही यहां से उड़ाने शुरू होने की संभावना है लेकिन गौतम बुध नगर के किसान जिन्होंने विकास के चलते प्राधिकरण को अपनी जमीनी दी आज भी जेल में बंद है। विकसित होते जिले में किसान अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं। वही जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह ने कहा कि विकसित भारत मे किसानों के योगदान को भुला नही जाएगा। उन्होंने जेल में बंद किसानों को जल्द ही उनका हक दिलाने का आश्वासन दिया है।

दरअसल, गौतम बुध नगर में तीन विकास प्राधिकरण है। जिनमे नोएडा विकास प्राधिकरण, ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण और यमुना विकास प्राधिकरण। इन तीनों प्राधिकरण से प्रभावित हजारों किसान आज भी अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। बीते दोनों आंदोलन कर रहे किसानों को पुलिस ने जबरन आंदोलन स्थल से उठाकर जेल भेज दिया। वर्तमान में 136 किसान जिला कारागार लक्सर जेल में बंद है। किसान लंबे समय से 10% आवासीय भूखंड, 64.7 प्रतिशत बढ़ा हुआ मुआवजा व नए भूमि अधिग्रहण कानून की मांग करते आ रहे हैं। लेकिन कई दशक बीत जाने के बाद भी किसानों की मांगों को पूरा नहीं किया गया।

 

जेवर में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के ट्रायल रन के दौरान विधायक धीरेंद्र सिंह से जब पूछा गया कि एक तरफ किसान विकास में सहयोग करते हुए अपनी जमीन दे रहे हैं लेकिन उसके बाद भी किसानों को जेल में बंद कर दिया जा रहा है। इस पर जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह ने कहा कि जहा भी विकास होता है उसके कुछ दुष्परिणाम भी होते है। जेल में बंद किसानों की समस्याएं तत्कालीन सरकारों के द्वारा है। 20 से 30 साल पहले जिन किसानों की जमीनों को अधिग्रहण किया गया और आज तक उनका हक नहीं दिया गया है। जेवर एयरपोर्ट के निर्माण में जिन किसानों ने अपनी जमीन दी उनके सीधे मुख्यमंत्री से वार्ता कराई गई और उनको उसका उचित मुआवजा दिया गया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जल्द ही किसानों को जो नए भूमि एक्ट के तहत लाभ मिलने चाहिए उन लाभों को दिलाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है।

इसके साथ ही धीरेंद्र सिंह ने कहा कि विकास में किसानों के योगदान को भुला नहीं जा सकता और लोग इस परिभाषा को भी समझे मुझे कोई गुरेज नही है सत्ता पक्ष का विधायक होते हुए ये कहने में कि जब हम विकसित भारत की बात करते हैं। तो उस विकसित भारत मे हमे किसानों के विकास को भी वरीयता देनी पड़ेगी। यदि हम उद्योग धंधे लगाएंगे तो हमें किसानों के जीवन यापन संबंधित सुविधाएं भी देनी होगी। हमारा पूरा प्रयास है कि हम अपने क्षेत्र के किसानों को उनका हक दिलवाएं। इसके लिए मैं निरंतर प्रयास करता रहता हूं अभी सरकार और प्रशासन को भी अवगत कराया गया जिसके बाद मुख्य सचिव ने बैठक की। हम सतत प्रयत्नशील है कि यहां के विकास में योगदान करने वाले लोग नुकसान में न रहे। यहाँ का विकास भी बाधित न हो और किसानों को भी महत्वपूर्ण लाभ मिले।

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किसान आंदोलन के चलते जेल में बंद किसानों की भूख हड़ताल की खबर अफवाह, 136 किसान है जेल में बंद https://punjabshehar.live/2024/12/08/the-news-of-hunger-strike-by-farmers-jailed-due-to-farmer-agitation-is-a-rumour/ https://punjabshehar.live/2024/12/08/the-news-of-hunger-strike-by-farmers-jailed-due-to-farmer-agitation-is-a-rumour/#respond Sun, 08 Dec 2024 16:11:23 +0000 https://sancharnow.com/?p=24178

Sanchar Now। ग्रेटर नोएडा संयुक्त किसान मोर्चे के तहत अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। गौतम बुद्ध नगर में कई दिनों तक पुलिस ने किसानों को गिरफ्तार किया जिसके दौरान 136 किसानों को लुकसर जेल में भेजा गया है। वहीं अब सोशल मीडिया पर किसानों के जेल में भूख हड़ताल की खबर के बाद जेलर ने बताया कि जेल के अंदर सभी किसान खाना और नाश्ता नियमित रूप से ले रहे हैं। जेल में बंद किसानों के द्वारा कोई भूख हड़ताल नहीं की गई है।

दरअसल, बुधवार रात करीब 11 बजे जीरो पॉइंट पर धरना स्थल पर सो रहे किसानों को पुलिस ने जबरन उठाकर पुलिस वैन से जेल भेज दिया। जिसके बाद रात करीब 1 बजे किसान नेता सुखबीर खलीफा व सोरन प्रधान सहित 34 किसान को भी जेल भेज दिया। बृहस्पतिवार की सुबह किसानों को जेल भेजे जाने के विरोध में सोशल मीडिया पर विरोध शुरू हो गया। दनकौर सहित अन्य देहात इलाकों से ग्रेटर नोएडा के जीरो पॉइंट पहुंचने का अनुरोध किया गया। इस दौरान पहले से अलर्ट पुलिस ने महिला सिपाहियों की मदद से महिला समेत 100 से अधिक किसानों को हिरासत में लेकर जेल पहुंचाया। हालांकि जेल पहुंचने के बाद पुलिस ने महिला किसानों को छोड़ दिया जबकि उनके साथ आए 42 पुरुषों किसानों को जेल भेज दिया। सभी किसानों को लुकसर जेल के सामान्य बैरक में रखा गया है। वहीं पुलिस अधिकारियों का कहना है कि बिना अनुमति के धरना करने के लिए जीरो पॉइंट से दलित प्रेरणा स्थल की ओर निकले किसानों को गिरफ्तार किया गया है। कई दिनों तक किसानों को गिरफ्तार करने के बाद 136 किसानों को लुकसर में रखा गया है वही बुजुर्ग महिलाओं को छोड़ दिया गया है।

गौतम बुद्ध नगर की लक्सर जेल के जेलर राजीव कुमार ने बताया कि किसान आंदोलन के चलते 136 किसानों को यहां पर रखा गया है। सभी किसानों को नियमित रूप से भोजन और नाश्ता दिया जा रहा है। जेल के अंदर मौजूद कोई भी किसान भूख हड़ताल पर नहीं है। इसके साथ ही जेल के अंदर किसानों का एक फोटो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जहां पर सभी किसान खाना खाते हुए दिखाई दे रहे हैं।

आंदोलन करने वाले किसानों की प्रमुख मांगे

गौतम बुद्ध नगर के किसान 10% आवासीय भूखंड और 64.7 प्रतिशत बढ़े हुए मुआवजे के साथ नए भूमि अधिग्रहण कानून को लागू करने की मांग लंबे समय से कर रहे हैं। इसके चलते किसानों ने कई सालों से धरना प्रदर्शन और आंदोलन भी किया। बीते दिनों दस से अधिक किसान संगठनों ने संयुक्त किसान मोर्चे के बैनर तले 25 नवंबर को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर महापंचायत करते हुए धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। इसके बाद किसानों ने यमुना प्राधिकरण कार्यालय के बाहर डेरा डाला और 2 दिसंबर को किसानों ने दिल्ली कोच की घोषणा की। नोएडा पुलिस ने उन्हें दलित प्रेरणा स्थल पर रोक लिया गया अधिकारियों से वार्ता के बाद किसानों को एक सप्ताह तक दलित प्रेरणा स्थल पर धरना प्रदर्शन जारी रखने को कहा गया।

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किसानों की समस्याओं को प्राथमिकता से हल करें – मुख्य सचिव https://punjabshehar.live/2024/12/08/solve-the-problems-of-farmers-on-priority-basis-chief-secretary/ https://punjabshehar.live/2024/12/08/solve-the-problems-of-farmers-on-priority-basis-chief-secretary/#respond Sun, 08 Dec 2024 03:51:50 +0000 https://sancharnow.com/?p=24153

Sanchar Now। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण में किसानों की समस्याओं को प्राथमिकता पर हल करने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार के साथ शनिवार को ग्रेटर नोएडा आए मुख्य सचिव ने कहा कि तीनों प्राधिकरण प्रत्येक किसान की सूचित तैयार करे। उनके प्राप्त होने वाले लाभ बिना विलंब देना सुनिश्चित करें। मुख्य सचिव ने किसानों की समस्याओं को निस्तारित करने में अवरोध उत्पन्न करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ बड़ी कार्यवाही की चेतावनी दी है।

दरअसल, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार ने शनिवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण, नोएडा प्राधिकरण और यमुना प्राधिकरण के साथ पुलिस व जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के बोर्ड रूम में बैठक की। किसानों की मांगों को हल करने के लिए बनी उच्च स्तरीय समिति की सिफारिश पर चर्चा करते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि किसानों की पात्रता निर्धारण, अतिरिक्त प्रतिकार और लीजबैक के प्रकरणों को प्राथमिकता पर हल करने के लिए गांव में शिविर लगाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के अंतर्गत तीनों प्राधिकरण भूमिहीन किसानों की पात्रता निर्धारण कर वेंडिंग जोन में जगह आवंटित करें। मुख्य सचिव ने कहा कि किसानों के कामों में अवरोध उत्पन्न करने वाले प्राधिकरण कर्मियों को चिन्हित कर सूची प्रदान करें ऐसे प्राधिकरण कर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने ऐसे स्टाफ पर इन प्राधिकरण से स्थानांतरित करने की चेतावनी दी। मुख्य सचिव ने कहा कि प्रत्येक किसान की सूची तैयार कर ले किस किसान को क्या हक दिया जाना है। इसकी जानकारी तीनों प्राधिकरणों को होनी चाहिए और उनकी मांगों का निस्तारण समयबद्ध तरीके से किया जाए।

इसके साथ ही मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री किसानों की समस्याओं को हल करने के प्रति बेहद गंभीर हैं। उनके निर्देश पर ही यह बैठक आयोजित की गई है। किसानों की समस्याओं को हल करने में लापरवाही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बैठक में पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह, मेरठ मंडल आयुक्त जे सेल्वा कुमारी, नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एम लोकेश, डीएम मनीष कुमार वर्मा, यमुना प्राधिकरण की एसीईओ श्रुति, नोएडा के एसीईओ संजय खत्री, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ श्रीवास्तव, सुनील कुमार सिंह, श्रीलक्ष्मी वीएस और प्रेरणा सिंह सहित प्राधिकरण, पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे।

किसानों को बैठक में नहीं किया शामिल

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में मुख्य सचिव डीजीपी सहित प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ बैठक में किसानों की तरफ से किसी को शामिल नहीं किया गया। एक तरफ जहां किसान लगातार अपनी गिरफ्तारी दे रहे हैं किसानों को जेल भेजा जा रहा है वही इस बैठक में उनको शामिल न करना बड़ा सवाल खड़ा करता है। इस बैठक में किसानों की समस्याओं को हल करने के लिए कहा गया है वही उनके लिए कोई समय सीमा तय नहीं की गई है। ऐसे में किसानों की समस्याएं कब तक हो पाएंगे यह आने वाला समय ही बता पाएगा।

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